
सभी धर्मों में लड़कियों की शादी की उम्र लड़कों के समान करने की याचिका खारिज
नई दिल्ली । सभी धर्मों में लड़कियों की शादी की उम्र लड़कों के समान करने की याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज किया है। मामले को खारिज करते समय सुप्रीम कोर्ट ने एक बड़ी टिप्पणी की है। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि संविधान के रक्षक के तौर पर देश के सुप्रीम कोर्ट के पास कोई विशेष अधिकार नहीं है।
संविधान की रक्षा के लिए संसद के पास भी उतना ही अधिकार है। संसद के पास अधिकार है कि वहां किसी भी कानून में संशोधन कर सकती है। सुप्रीम कोर्ट ने मामले में किसी तरह का निर्देश देने से साफ इनकार कर दिया।
सभी धर्मों में लड़कियों की शादी की उम्र लड़कों के बराबर 21 साल करने की याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर कहा कि ये कानून में संशोधन करने का मामला है। सुप्रीम कोर्ट ने मामले में याचिका दायर करने वाले बीजेपी नेता और वकील अश्विनी उपाध्याय से कहा कि ‘ये कोई राजनीतिक मंच नहीं है। हमें ये मत सिखाइये कि संविधान के रक्षक के तौर पर हमें क्या करना चाहिए?’
दिल्ली हाईकोर्ट में लड़के और लड़कियों की शादी की न्यूनतम उम्र एक बराबर करने के लिए पहले एक याचिका दायर की गई थी। इसके बाद में हाई कोर्ट ने इस याचिका को सुप्रीम कोर्ट के पास भेज दिया।

News Editor
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